बाढ़। सोमवार को बाढ़ के उमानाथ घाट पर बैकुंठ चतुर्दशी के दिन स्नान दान करने वालों की काफी भीड़ देखी गई। मान्यता है कि बैकुंठ चतुर्दशी के दिन स्वर्ग के सभी दरवाजे खुले रहते है। इस दिन जो भी कार्तिक स्नान करने वाले लोग है, वो ब्राह्मणों को दान देते हैं, जो सीधे बैकुंठ को जाता है और भगवान नारायण इससे काफी प्रसन्न होते हैं। इस अवसर पर श्रद्धालुगण सेजिया दान के साथ-साथ तुला दान सहित कई प्रकार के दान किए जाते हैं। जो लोग इस दिन स्नान दान करते हैं, उन्हें मृत्यु उपरांत स्वर्ग की प्राप्ति होती है, तथा इस जन्म में संतान-सुख, धन-सुख आदि की प्राप्ति होती है। कुछ स्थानीय पुजारी ने बताया कि कई लोग 5 साल कार्तिक स्नान करने के बाद छठे साल बैकुंठ चतुर्दशी के दिन उद्यापन करते है जिसे पूर्णाहुति कहा जाता है।

By LNB-9

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