बाढ़ अनुमंडल के रानाबिगहा गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति का काफी बुरा हाल है। इसे भ्रष्टाचार कहें या यहां के स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही। राणाबिगहा पीएचसी का जब जायजा लिया गया तो वहां कूड़ेखाने में लाखों की दवाइयां फेंकी हुई पाई गई, जिसमें टैबलेट्स और कई प्रकार के ड्रॉप्स भी मौजूद थे।
हैरत की बात यह है कि इतनी सारी दवाइयां इस तरह से बर्बाद कैसे हो जाती है। स्वास्थ्य महकमा में मिलने वाली इस प्रकार की शिकायत से कर्मचारियों की शिथिलता और लापरवाही का पता चलता है। साथ ही यहां के स्वास्थ्य प्रबंधक की भी लापरवाही दिखाई पड़ती है। एक तरफ मरीजों को वक़्त पर दवाइयां मिल नही पाती है, तो कई दवाइयों के लिए उसे बाजार पर निर्भर रहना पड़ता है।
वहीं सरकारी विभाग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हज़ारों-लाखों रुपये की दवाइयों की ऐसी की तैसी की जाती है। जनता के टैक्स से चलने वाले यह सभी सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त है, जिसे सुधारने की आवश्यकता है। इस बाबत जब स्वास्थ्य प्रबंधक से मिलकर पत्रकार बात करना चाहा तो प्रबंधक के द्वारा आनाकानी की गई, लेकिन इस पर किसी प्रकार का जवाब नही मिला। ऐसी स्थिति में अगर इस पर सिविल सर्जन के द्वारा कोई सकारात्मक या दंडात्मक कदम नही उठाया जाता है, तब तक यह प्रक्रिया चलती रहेगी।