बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने समाज सुधार अभियान के तहत आज बुधवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे. शहर के एमआइटी मैदान में सीएम का संबोधन हुआ. इस दौरान एक अजीब वाक्या देखने को मिला जब नीतीश कुमार अपने संबोधन के बीच में ही कुछ लोगों पर भड़क गये. इस दौरान सीएम ने उन्हें नसीहत भी दे दी कि अगर उन्हें समाज सुधार अभियान से दिक्कत है तो वो चले जाएं.
मुजफ्फरपुर के एमआइटी मैदान में सीएम नीतीश कुमार की जनसभा चल रही थी. मुख्यमंत्री यहां जीविका दीदियों के साथ संवाद कर रहे थे. मैदान के चारो तरफ शराबबंदी को सफल बनाने व बाल विवाह और दहेज प्रथा को खत्म करने की अपील वाले पोस्टर बैनर लगे हुए थे. सीएम नीतीश कुमार ने अपना संबोधन शुरू किया. इस दौरान उन्होंने हाल में शराब को लेकर हुई ताबड़तोड़ छापेमारी का जिक्र किया. अभी सीएम शराबबंदी को लेकर अपनी बात रख ही रहे थे कि बीच में ही सामने की गतिविधि से उन्हें समस्या हो गयी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी की कार्रवाई का ब्यौरा दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने स्पेशल कॉल सेंटर की भी जानकारी दी. लेकिन इसी दौरान उन्हें सामने से कुछ खलल होता दिखा. जिसके बाद वो मंच पर ही गुस्सा गये. सीएम ने पूछा ये कौन लोग हैं. मेरी बात सुनकर पीछे हो हल्ला कर रहे हैं. अगर समाज सुधार अभियान से नफरत है तो यहां से चले जाइये.
सीएम ने कहा कि महिलाओं के साथ पुरुषों को भी जागरुक होने की जरुरत है. अगर किसी को मेरे से कुछ बात कहनी है तो बाद में वो भी हम सुनेंगे. लेकिन अभी हो-हल्ला मत कीजिये. वहीं सीएम के भड़कने के बाद हंगामा बंद हुआ. उधर मुख्यमंत्री ने फिर एकबार दोहराया कि उनकी सरकार बाल विवाह व दहेज प्रथा की रोकथाम को लेकर किस तरह काम कर रही है. सीएम ने शराबबंदी की कार्रवाई का भी पूरा ब्यौरा दिया.